Tuesday, March 31, 2020

सफर

सफर

इश्क़ नादान है, अंजाम की फिक्र कहाँ करता है,
ये तो अश्क़ है, जो दर्दो को बयांन करते हैं 


राख करती है इशारा कि कोई हस्ती थी, 
वरना यादों में दफन किसकी है पता किसको है 

Silence



इश्क़ नादान है, अंजाम की फिक्र कहाँ करता है,

ये तो अश्क़ है, जो दर्दो को बयांन करते हैं ।



अब किस हक़ से तुझे रोकूं, सोच के टूट जाता हूँ,

चाँद तो आज भी एक ही है, बस देखा दो झरोखों से जाता है ।



मेरे हालात पूछने की यूँ तो जरुरत क्या है,

जब तेरी धड़कनो की रिहाइश, मेरे सीने में हैं ।



जियें है जो हर पल साथ हमने, वो अब बंट नहीं सकते,

इन पलकों से ये बादल अब छँट नहीं सकते।



तुझे छूने का अधिकार, तो खो चुका हूँ मैं,

खुद से जिक्र करने की इजाज़त भी न छीनो मुझसे।



अब तेरी यादों से ही जीने का सहारा है अता है मुझको,

फर्क मरने और पल पल मरने का पता है अब मुझको ।


Wednesday, March 18, 2020

रिश्ता

                                 रिश्ता

न जाने कौन सी दुआ पढ़ते है वो मेरे हक़ में,
जो मुक्कदर में नहीं वो करना चाहता हूँ मैं ।
वो समझदारी का हर कदम चलते हैं,
मैं हर कदम पे होश खोना चाहता हूँ ।
उनको शिकायत है अब मेरे बर्ताव से,
देते हैं हालातों की दुहाई हर बात पे ।
फिक्र कैसे न करूँ उनकी और रोकूं अपने जज्बातों को,
क्योंकि काबिज है कोई और अब मेरे हालातों पे।
रिश्ते पिरोये थे कच्चे धागों से, मगर रंग पक्के हैं ।
दर्द सीने में छुपा के वो अब भी सच्चे हैं ।
आज उन रंगो पे रंग की परत एक और भी है,
इस दिल में उनके लिए अब इज़्ज़त और भी है ।
सैकड़ो ख्वाब टूटते है तो एक नींद होती है,
पर होश में कमबख्त अब आना कौन चाहता है ।
मेरी हर रात मैं आखिरी ख़याल और हर सुबह की पहली सोच हो तुम,
और वो कहते हैं कि बंद पिंजरे के पंछी को पूछता कौन है ।
मै टूटे हुए आईने की तरह कूड़े में नहीं जाना चाहता,
तू एक बार देख लेता तो हर टुकड़ा ये रंगीन हो जाता ।
सफर ज़िन्दगी भर का है तेरे साथ पर तू मौजूद नहीं,
ये तो अब रूह का रिश्ता है, वरना कौन दूसरे घर जाना चाहता है ।