Tuesday, March 31, 2020

सफर

सफर

इश्क़ नादान है, अंजाम की फिक्र कहाँ करता है,
ये तो अश्क़ है, जो दर्दो को बयांन करते हैं 


राख करती है इशारा कि कोई हस्ती थी, 
वरना यादों में दफन किसकी है पता किसको है 

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